इतिहास को कहाँ से पढ़ना चाहिए (history syllabus) सोचों ?
इतिहास को कहाँ से पढ़ना चाहिए (history syllabus) सोचों ?
दोस्तों यदि आप हिस्ट्री की शुरुआत करना चाहते हो तो आपको यह पता होना चाहिए कि हिस्ट्री का सिलेबस क्या है और हिस्ट्री को कहां से कहां तक पढ़ा जाता है तो हम आज के इस पोस्ट में यही बात करेंगे कि हिस्ट्री का सिलेबस क्या है हिस्ट्री को हमें कहां से पढ़ना चाहिए और कहां तक पढ़ना चाहिए ?
इतिहास:– अतीत का अध्ययन इतिहास कहलाता है । इतिहास के पिता हेरोडोटस हैं , इतिहास को मुख्यतः तीन भागों में बांटा गया है
1). प्रागैतिहासिक काल:–
इस काल में मानव पढ़ना , लिखना कुछ नहीं जानता था मतलब शिक्षा नाम की कोई चीज ही नहीं थी । इस काल को पाषाण काल भी कहा जाता है। (पाषाण काल अर्थात पत्थरों का समय ) इस कॉल को पाषाण काल इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस समय मानव के ज्यादातर औजार और हथियार पत्थरों के बने होते थे।
इस काल को भी चार भागों में बांटा गया है:–
a). पुरापाषाण काल
यह इतिहास का सबसे प्रारंभिक समय था इस समय के मानव को आदिमानव भी कहा जाता है इस समय के मानव खानाबदोश थे अर्थात जानवरों की भांति ही अपना पेट भरता था और शिकार करने के लिए इधर–उधर घूमा करता था। और इस समय में मानव की सबसे बड़ी उपलब्धि यह थी कि उन्होंने आग की खोज कर ली थी ।
a). मध्य पाषाण काल
पुरापाषाण काल के बाद के समय को मध्य पाषाण काल कहा जाता है इस काल में मानव सबसे अच्छे कार्य सीखे थे वह कार्य का नाम था अंत्येष्टि संस्कार अर्थात अंतिम संस्कार (किसी मनुष्य को मरने के बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाता है)और इस समय मानव का हथियार भी छोटा हो गया था।
a). नवपाषाण काल
d). ताम्र पाषाण काल
2). आद्य ऐतिहासिक काल:–
3). ऐतिहासिक काल :–
इस कॉल के बारे में लिखित स्रोत उपलब्ध है जिसे पढ़ा भी जा सका है । इस काल के अंतर्गत वैदिक काल से लेकर आज तक का समय आता है ।
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